मोक्ष के लिए मत दौड़ो : इस जीवन को सुंदरता से जीने का लक्ष्य बनायें
मोक्ष का अर्थ अनंत, अच्युत और अलौकिक मुक्ति है, जो हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण अवस्था है। हालांकि, में समझता हूँ कि मोक्ष एक मिथ्या भ्रांति हो सकती है । मोक्ष, संसार से मुक्ति, हमारे धार्मिक और आध्यात्मिक संदेशों में एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है। यह प्राप्त करने के लिए हमें अनेक जन्मों के चक्र से गुज़रना पड़ता है। लेकिन क्या हमें इसकी पीछे दौड़ते रहना चाहिए? क्या हमारे इस जीवन को सुंदर बनाने का लक्ष्य नहीं होना चाहिए?
हम सभी जीवों को इस संसार में आनंद और सुख का अनुभव करने का अवसर मिलता है। इस जीवन को सुंदरता से जीने का लक्ष्य रखना हमारी ज़िन्दगी को अर्थपूर्ण बनाता है। हमें अपने आसपास की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेना चाहिए, जैसे कि पहाड़ों की ऊचाईयों से बहती हुई नदियों का दर्शन करना, वनों में घूमना और पक्षियों के गीत सुनना। इसके साथ ही, हमें अपने रिश्तेदारों और मित्रों के साथ समय बिताना, नई चीज़ों की खोज करना और अपनी प्रतिभा का विकास करना भी नहीं भूलना चाहिए।
जीवन को सुंदर बनाने का लक्ष्य रखने का मत हो सकता है क्योंकि सुख, संतोष, सहजता, और समर्थन का आनंद इसी जीवन में हो सकता है। मोक्ष को एक भ्रांति मान कर मोक्ष की खोज में समय बर्बाद करने के बजाय, इस संसार में सही तरीके से जीने का प्रयास करना चाहिए।
मोक्ष :
मोक्ष के लिए दौड़ते रहने की जगह, हमें इस जीवन को एक अनुभव और सीख का संग्रह समझना चाहिए। हमें अपनी आत्मा को समझना चाहिए, अपने कर्मों को सवारना चाहिए और अपने अंतर्यामी भगवान के साथ अटूट रिश्ता बनाना चाहिए। जब हम इस जीवन को उच्चतम आदर्शों के साथ जीते हैं, तब हम मोक्ष की ओर अग्रसर होते हैं।
इसलिए, मोक्ष के लिए जल्दी की कोई ज़रूरत नहीं है। हमें इस जीवन को सुंदरता से जीने का लक्ष्य रखना चाहिए और इसका आनंद उठाना चाहिए। मोक्ष तो अपने आप हमें मिलेगा, जब हम इस जीवन के धर्मों को पूरा करेंगे और अपनी आत्मा को परिशुद्ध करेंगे।
ऊपर सब शून्य शून्य है
कुछ भी नहीं गगन में
धर्मराज जो कुछ भी है
इस मिट्टी में इस जीवन में ||
इस दृष्टिकोण से, जीवन को सुंदर बनाने का प्रयास करना और इसे सार्थक बनाने का प्रयास करना महत्वपूर्ण हो सकता है, जिससे व्यक्ति और समाज दोनों को उपयोग हो सकता है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
Comments are closed.